ਬਲ ਦੀਵੜਿਆ

ਬਲ ਰਿਹੈ ਦੀਵਾ
ਜਲ ਰਹੀ ਸੋਚ ਕੋਈ
ਜਾਗਣਗੇ ਹਰਫ਼ ਕੁਛ
ਬਣੇਗੀ ਨਜ਼ਮ ਕੋਈ
ਬਲ ਦੀਵੜਿਆ ਬਲ !!


The woods are lovely dark and deep
But I have promises to keep
And miles to go before I sleep
And miles to go before I sleep



Friday, December 31, 2010

ਨਵਾਂ ਵਰ੍ਹਾ

ਨਵੇਂ ਵਰ੍ਹੇ
ਧਰਤੀ ਮਾਂ ਦੀ ਕੁੱਖ ਹਰਿਆਵੇ
ਪਾਣੀਆਂ ਜੋ ਘੁਲੀ ਜ਼ਹਿਰ
ਊਹ ਮੁੜ ਅਮ੍ਰਿਤ ਬਣ ਜਾਵੇ
ਮਿੱਟੀ ਚੋਂ ਰਸਾਇਣਾਂ ਦਾ
ਅਸਰ ਮੁਕ ਜਾਵੇ
ਹਰ ਬੰਦੇ ਨੂੰ ਸੁਥਰੇ ਸਾਹਾਂ ਦੀ
ਸੁਗਾਤ ਮਿਲ ਜਾਵੇ
ਤੇ ਫੇਰ ਜਗ ਸਾਰਾ
ਨਵੇਂ ਵਰ੍ਹੇ ਦੇ ਗੀਤ ਗਾਵੇ !

5 comments:

हरकीरत ' हीर' said...

ਦੁਆ ਹੈ ਪਾਣੀਆਂ ਚ ਘੁਲੀ ਜਹਿਰ ਅਮ੍ਰਿਤ ਬਣ ਜਾਏ .....
ਨਵੇਂ ਸਾਲ ਦੀ ਤੁਹਾਨੂੰ ਵ੍ਧਾਈ ...!!

surjit said...

आदरणीय सुरजीत जी
नमस्कार!
आपको भी नववर्ष की कोटि -कोटि बाधाई !
पुन: बहुत बहुत सम्मान के साथ ये पंक्तिया कुबूल कीजिएगा ।
मुस्कानों के बीज
-रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
पलकों के तट चूमकर , कहे नयन-जलधार ।
बीते हैं पल दर्द के , हुआ नया भिनसार । ।
जीवन कहते हैं जिसे , है सुख-दुख का मेल ।
खुशियाँ दो पल जो मिलें,लेकर दुख भी झेल । ।
अब खूँटी पर टाँग दे ,नफ़रत -भरी कमीज़ ।
बोना है नव वर्ष में , मुस्कानों के बीज । ।
भाई ने परदेस से , किया बहिन को फोन ।
तेरी खुशियों से बड़ा ,मेरा जग में कौन । ।
घर में या परदेस में ,सबसे मुझको प्यार ।
सबके आँगन में खिले , फूलों का संसार ।
नए साल से हम कहें-करलो दुआ कुबूल ।
माफ़ करें हर एक की , जो-जो खटकी भूल । ।
मुड़-मुड़कर क्या देखना , पीछे उड़ती धूल ।
फूलों की खेती करो , हट जाएँगे शूल । ।
अधरों पर मुस्कान ले , कहता है नव वर्ष ।
छोड़ उदासी को यहाँ ,आ पहुँचा है हर्ष । ।
-0-
-रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’

Rahul Singh said...

नये साल की सुरीली नई सौगात.

surjit said...

Harkirat ji, Rameshwar ji and Rahul ji I am very thankful to you.

Shabad shabad said...

Bahut hee gahre bhav ....
Happy new year and happy Lohri.